१. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें !
ऐसा करने से आपका मन शांत रहता है और भाग्य आपका साथ देता है. साथ ही स्नान के बाद भगवान के दर्शन भी करने चाहिए.
नौवें भाव में केतु उच्च का और राहु नीच का माना गया है। यदि आपकी कुंडली में यह स्थिति है तो भाग्य पर अशुभ ग्रह स्थित है। हो सकता है कि इस स्थान पर अशुभ या क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो या गुरु पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि या गुरु शत्रु भाव में बैठा हो तो भाग्य कमजोर होगा और जातक को भाग्य का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। अर्थात उसे उसके भाग्य से कुछ भी नहीं मिलेगा।
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घर हो या ऑफिस घड़ी लगाने की सबसे उत्तम दिशा पूर्व, पश्चिम और उत्तर की मानी जाती है, क्योंकि ये दिशाएं घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का काम करती हैं.
‘लाल किताब’ में धर्माचरण और सदाचरण के बल पर ग्रह दोष निवारण का झण्डा ऊँचा किया है, जिससे हमारा इहलोक तो बनेगा ही, परलोक भी बनेगा। ‘लाल किताब’ में विभिन्न प्रकार के ग्रह दोषों से बचाव के लिए सैकड़ों टोटकों का विधान है। जीवन का कोई ऐसा पक्ष नहीं है, जिससे संबंधित टोटके न बतलाये गये हों।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...
कर्म और भाग्य यदि समानांतर चलें तो इंसान रंक से राजा भी बन सकता है.
लाल किताब के अनुसार जिस घर में कोई ग्रह न हो तथा जिस घर पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती है तो उसे सोया हुआ घर माना जाता है। जो घर सोया हुआ होता है उस घर से संबंधित फल तब तक प्राप्त नहीं होता है, जब तक कि वह घर जागता नहीं है। यदि आपका नवम घर या भाव सोया है तो समझो कि भाग्य सोया हुआ है।
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बुध ग्रह को वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहो का राजकुमार माना जाता है और बुध ग्रह के मजबूत होने से यह ग्रह व्यक्ति को चमत्कारी फल देने में विशेष योगदान देता है। ऐसे में ज़रूरी होता है कि बुध ग्रह व्यक्ति की कुंडली में मज़बूत स्थिति में हो अन्यथा जातक को शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, चीज़ों को समझने में दिक्कतें उठानी पड़ती है, कारोबार में हानि होती है और जीवन में दरिद्रता भी आने लगती है।
अर्थात पानी टप–टप टपकता न हो ! और आग पर रखा here दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये ! वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है !
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